आज मैं आपको राजस्थानी तरीके के कांजी वड़ा बनाने बताऊँगी | क्योंकि राजस्थान में त्योहारों पर कांजी वड़ा ना बने ऐसा हो नहीं सकता विशेषकर होली पर कांजी बड़ा जरूर बनाया जाता है | त्योहारों पर इसको बनाने की असली वजह यह है कि त्योहार पर हम बहुत ही ज्यादा मिठाइयां और पकवान खाते हैं, जिनकी वजह से हमारी पाचन क्रिया खराब हो जाती है | जबकि कांजी वड़ा का पानी पीने से हमारी पाचन क्रिया ठीक रहती है ,और यह हमारी भूख को भी बढ़ाती है |
ये जाएके में चटपटे ,खट्टे और स्वादिष्ट होने के साथ ही सेहतमंद भी होते हैं| कांजी वड़ा विशेष तौर पर होली पर ज्यादा बनाये जाते हैं| परंतु आप जब चाहे तब इसे बना सकते हैं |
कांजी वड़ा बनाने का तरीका
कांजी वड़ा को बनाने के सब के अलग-अलग तरीके होते हैं | कुछ लोग मूंग की दाल को भिगोकर उसे पकोड़ी की तरह बनाते हैं | जबकि कुछ लोग इसे चपटे और गोल बनाते हैं| इसके पानी के लिए कुछ लोग छाछ में राई डालकर तैयार करते हैं |और कुछ लोग सादे पानी को उबालकर उसमें राई डाल कर तैयार करते हैं| परंतु राजस्थान में विशेषकर बड़े गोल और चपटे बनाए जाते है ,चपटे वडे राजस्थान की विशेषता है |यह काफी मसालेदार व और जगहों से ज्यादा स्वादिष्ट होते हैं |
For recipe in English click here – Rajasthani Kanji Vada recipe | Kanji Wada
कांजी के लिए सामग्री
- 2 किलोग्राम पानी
- 3 चम्मच राई ( पिसी हुई )
- नमक – 1 चम्मच ( या स्वाद अनुसार)
- लाल मिर्च – 2 चम्मच
- हींग -एक चुटकी
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कांजी बनाने की विधि
- कांजी का पानी वड़ा डालने से दो दिन पहले बनाई जाती है | क्योंकि इ कांजी को खट्टा होने में समय लगता है|
- सबसे पहले एक बर्तन में पानी लें उसे उबाल लें |
- फिर थोड़ा ठंडा होने पर उसमें सारे मसाले डाल कर चलालें |
- उसे ढक कर धूप में रख दें | आप चाहें तो किसी कपड़े से भी ढक कर रख सकते हैं |
- इससे धूप ज्यादा लगेगी और कांजी जल्दी खट्टी होगी |
- कांजी को दिन में 3 से 4 बार जरूर चलाएँ | 3 दिन बाद इसमें आप बड़े डालें |
वड़ा बनाने की सामग्री
- 250 ग्राम मूंग दाल (मोगर)
- नमक – 1 चम्मच
- लाल मिर्च – 1 चम्मच
- धनिया पाउडर 1 चम्मच
- सौंफ – 1 चम्मच
- हरी मिर्च – 1 या 2 चम्मच
- अदरक (पेस्ट)- 1/2 चम्मच
- बेसन – 1 कटोरी
- तेल
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वड़ा ( चपटे )बनाने की विधि
- सबसे पहले एक बर्तन में पानी डालकर मूँग दाल डालेँ और अच्छी तरह से धोएं |
- फिर ज्यादा पानी डालकर 3 से 4 घँटे के लिए भीगने दें |अब दाल का पानी बिल्कुल निकाल दें |
- दाल को छलनी में डालकर थोड़ी देर रख दें ताकि सारा पानी निकाल जाए |
- अब आप इसे मिक्सी में दरदरा पीस लें | बिल्कुल बारीक नहीं पीसे नहीं तो चपटे बड़े नहीं बन पाएँगे |
- सारी दाल को एक बर्तन में निकाल लें |अब सारे मसाले दाल में डालें और धीरे धीरे हल्के हाथ से मिलाएँ |
- फेंटना बिल्कुल नहीं है क्योंकि हमें चपटे बड़े बनाने हैं |
- अब एक कड़ाही में तेल डालकर गर्म करें | अब आप एक रुमाल या कपड़ा लेकर उसे पानी में अच्छी तरह से भिगो ले ,फिर पानी को बिल्कुल निचोड़ दें |
- फिर कपड़े को कटोरी पर फैला कर कटोरी व कपड़े को कस कर पकड़े ओर दूसरे हाथ से उस पर थोड़ा सा मूँग दाल का गोला बना कर डालें और गीले हाथों से उसे फैलाएँ|
- फिर धीरे से कढ़ाई में डाले |
- अगर आप के बड़े नहीं बन रहे हों तो उसमें थोड़ा सा बेसन मिला लें |आँच को धीमी कर दें|
- थोड़ी देर में आँच को मध्यम पर रखें और सारे वड़ों को बार बार पलटते जाएं | जब बड़े थोड़े लाल होने लगें तो उन्हें बाहर निकल लें |
- अब आप बड़ों को कांजी के पानी में डाल कर धूप में एक दिन के लिए रख दें|
- बीच बीच में 4 से 5 बार चलाएँ जरूर |
- खट्टा होने पर फ्रिज में रख दें |
- आप इसे चार पांच दिन तक खा सकते हैं |
कांजी वड़ा बनाते समय ध्यान रखें
- रुमाल को बार बार साफ पानी से धो कर निचोड़ना चाहिए नहीं तो वड़े अच्छे नहीं बनेंगे |
- अगर आप से चपटे बड़े नहीं बने तो आप दाल को अच्छी तरह से फैंट कर गोल गोल बड़े बना सकते हैं |
- बड़ों को मध्यम आंच पर ही से सेके नहीं तो बड़े कच्चे रह जाएंगे |